NILM RATN KE FAYDE
- mangalmjewellers
- May 18
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नीलम, जिसे अंग्रेजी में Blue Sapphire कहते हैं, एक शक्तिशाली और प्रभावशाली रत्न है। ज्योतिष शास्त्र में इसे शनि ग्रह का प्रतिनिधित्व करने वाला माना जाता है और इसके कई फायदे बताए गए हैं, हालांकि इसे धारण करने से पहले सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
ज्योतिषीय फायदे:
शनि ग्रह को मजबूत करता है: नीलम शनि ग्रह का रत्न है, जो न्याय, अनुशासन, कर्म और धैर्य का कारक है। यदि किसी की कुंडली में शनि कमजोर या अशुभ स्थिति में हो तो नीलम धारण करने से उसे शक्ति मिलती है।
तेज और सकारात्मक परिणाम: यदि नीलम आपके लिए अनुकूल है, तो यह बहुत तेजी से सकारात्मक परिणाम दे सकता है। यह अचानक धन लाभ, सफलता और भाग्य में वृद्धि ला सकता है।
धैर्य और दृढ़ता में वृद्धि: यह रत्न पहनने वाले को धैर्यवान और दृढ़ बनाता है, जिससे वे मुश्किल परिस्थितियों का सामना बेहतर तरीके से कर पाते हैं।
अनुशासन और जिम्मेदारी की भावना: नीलम अनुशासन और जिम्मेदारी की भावना को बढ़ाता है।
करियर में उन्नति: यह नौकरी और व्यवसाय में स्थिरता और प्रगति लाने में सहायक माना जाता है। यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है जो न्याय, कानून, इंजीनियरिंग, और तकनीकी क्षेत्रों से जुड़े हैं।
मानसिक स्पष्टता: नीलम मन को शांत करता है और विचारों में स्पष्टता लाता है।
नकारात्मकता से सुरक्षा: यह रत्न नकारात्मक ऊर्जा और बुरी नजर से बचाने में मदद कर सकता है।
स्वास्थ्य संबंधी फायदे (कुछ मान्यताओं के अनुसार):
वात रोगों में आराम: कुछ लोगों का मानना है कि नीलम वात संबंधी रोगों में आराम दिला सकता है।
हड्डियों को मजबूत बनाता है: ऐसा माना जाता है कि यह हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है।
आंखों के लिए लाभकारी: कुछ पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार, नीलम आंखों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है।
मानसिक संतुलन: यह मानसिक तनाव और चिंता को कम करने में सहायक हो सकता है।
किसे पहनना चाहिए:
नीलम एक शक्तिशाली रत्न है और इसे हर किसी को धारण नहीं करना चाहिए। ज्योतिषीय सलाह के अनुसार, यह मुख्य रूप से मकर और कुंभ राशि के जातकों के लिए लाभकारी होता है, क्योंकि इन राशियों का स्वामी शनि है। वृषभ, मिथुन, कन्या और तुला राशि के लोग भी कुछ विशेष परिस्थितियों में इसे धारण कर सकते हैं। हालांकि, किसी भी रत्न को धारण करने से पहले अपनी कुंडली का विश्लेषण कराकर किसी योग्य और अनुभवी ज्योतिषी से सलाह लेना अत्यंत आवश्यक है। यदि नीलम आपके लिए अनुकूल नहीं है, तो यह नकारात्मक परिणाम भी दे सकता है।
कैसे धारण करें:
नीलम को चांदी या लोहे की अंगूठी में जड़वाकर दाहिने हाथ की मध्यमा उंगली (मिडिल फिंगर) में पहनना सबसे शुभ माना जाता है।
इसे शनिवार के दिन सूर्यास्त के बाद धारण करना चाहिए. आज शनिवार, मई 17, 2025 है, इसलिए आप इसे आज सूर्यास्त के बाद धारण कर सकते हैं।
धारण करने से पहले रत्न को गंगाजल और कच्चे दूध से शुद्ध करना चाहिए और शनि देव के मंत्र ("ॐ शनैश्चराय नमः") का जाप करना चाहिए।
सावधानियां:
नीलम धारण करने से पहले हमेशा ज्योतिषी से सलाह लें।
कभी भी टूटे या खंडित नीलम को धारण न करें।
नीलम के साथ माणिक्य (रूबी) और मूंगा (कोरल) जैसे रत्न धारण करने से बचें, क्योंकि ये शनि के शत्रु ग्रह माने जाते हैं।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये फायदे ज्योतिषीय मान्यताओं और पारंपरिक ज्ञान पर आधारित हैं। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है। नीलम धारण करने से पहले सावधानी बरतना और विशेषज्ञ की राय लेना महत्वपूर्ण है।






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